शिक्षक

भूमिका :शिक्षक सिर्फ वो नहीं होता जो स्कूल में आपको पढाए। जीवन में कुछ न कुछ जो सिखा जाए वो भी शिक्षक होता है।

अक्षरों से पहली मुलाकात, कराए।

किताबों की आडी-तिरछी, बातो को समझाए।

दिमाग घुमाने वाली सवालो, को सुलझाए।

भगवान के बाद है माता-पिता, ये पाठ पढाए।

भविष्य की अंधेर राहो पर, आशा की किरण दिखाए।

मन की व्याकुलता को, स्थिर सा कर जाए।

आने वाले जीवन की तैयारी, भी कराए।

खुद जल के करो रौशन सब को, ये ज्ञान दे जाए।

शिक्षक वही जो आप को कुछ सिखाए।

भले और बुरे का ज्ञान भी कराए।

फिर चाहे वो किसी रूप मे भी आए।

पर कुछ न कुछ वह जरूर सिखा जाए।

ए. नाग

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