मिलते नहीं जहाँ में कुछ, आसानी से
खून-पसीना जब जले,
तो बने अमृत पानी के
ईमानदारी के मेल हो जब, सच्चाई से
तो आत्मविश्वास ले चले, उँचाई में
करत-करत वहीं काम जो, ढिठाई से
रंग जा रंग में तू मेहनताई के
तो फिर ये आसमान भी झुकेगा
तेरा नसीब भी पूछेगा।
बोल तेरी चाह क्या है?
तुझ से, और तेरी परछाईं से।
एस्थर नाग
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Bohut achhi ha
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thank you kunal
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Superb 👍
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thank you anshul
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Very nice line ❤️
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thank you david
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Nice
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Amazing 😍👌
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